बिन्दुसार जीवनी :
परिचय :-
बिन्दुसार मौर्य , मौर्य वंश का दूसरा शाशक था | आपके पिता का नाम महान सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य तथा आपके माता का नाम दुर्धरा था आपका जन्म 297 ईसा पूर्व पाटलिपुत्र ( वर्तमान बिहार ) में हुआ था | आपको अमित्रघात , सिंहसेन , मद्रसार अजातशत्रु वरिसार आदि नमो से जाना जाता है | आपके और अन्य भाई भी थे फिर भी पिता जी ने अपना उत्तराधिकार आपको बनाया | आपके अनेक पत्नी थी उसमे से आपने जिस वैद्य के पुत्री ( सुभद्रांगी ) से गन्दर्भ विवाह किया था उसके जेष्ठ पुत्र (अशोक ) को अपना उत्तराधिकार बनाया | आपके मंत्रिपरिषद में कुल 500 सदस्य थे जिसमे खल्लाटक प्रधान थे |
शिक्षा :-
पिता के ही तरह आपको शिक्षा आचार्य चाणक्य ने दी जिसमे शास्त्र, शस्त्र , वेद , पुराण, राजा का कर्तव्य आदि निहित थे | आप पिता जी के भांति आचार्य चाणक्य का सम्मान करते थे |
साम्राज्य :-
आपने साम्राज्य का विस्तार उतना अधिक नहीं किया जितना चन्द्रगुप्त मौर्य ने किया था | आपने पश्चिमी भारत के यूनानी राज्यों से मैत्री पूर्ण व्यव्हार रखा | सीरिया के राजा एंटीयोकस प्रथम ने अपना डायोनियस नामक राजदूत बिन्दुसार के दरबार में था | ,एथिनियस नामक एक यूनानी लेखक ने बिन्दुसार और सीरिया के बिच मैत्री पूर्ण व्यव्हार का जानकारी दिया है |
विद्रोह :-
आपके शाशन काल में दो बार विद्रोह हुआ है पहलीबार आपके जेष्ठ पुत्र शुशीम के कुप्रशाशन पर और दूसरी बार तक्षशिला में, तक्षशिला के विद्रोह को समाप्त करने के लिए आपने अशोक को भेजा इन्होने बलपूर्वक विद्रोह का दमन कर दिया था |
धर्म :-
बिन्दुसार ने ब्राम्हण धर्म को अपनाया परन्तु आपके पिता चन्द्रगुप्त मौर्य ने जैन धर्म तथा आपके पुत्र चक्रवर्ती अशोक सम्राट ने बौद्ध धर्म को अपनाया था |
मृत्यु :-
बिन्दुसार एक पिता के पुत्र और पुत्र के पिता के रूप में जाने जाते है अर्थात चन्द्रगुप्त मौर्य के पुत्र और चक्रवर्ती सम्राट अशोक के पिता | आपने साम्राज्य का विस्तार तो कुछ खास नहीं किया किन्तु अपने पिता द्वारा मिले साम्राज्य का अच्छे से सम्हाला आपके धर्म पत्नी के मृत्यु के पश्चात् आपका स्वास्थ बिगड़ने लगा और अनुमानित 272 ईसा पूर्व में आपका देहांत हो गया | (आपके मृत्यु के वर्ष को लेकर विद्वानों में मतभेद है ) आपके मृत्यु के पश्चात् आपके पुत्र आपस में उत्तराधिकारी को लेकर लड़ने लगे जिसमे राजकुमार अशोक ने अपने सौतेले भाईयो का वध करके सिंहासन पर बैठा |
आभार :-
अपना बहुमूल्य समय हमें देने के लिए मै सोनू देवांगन Inspireinstitute1.blogspot.com पर आपका स्वागत करता हूँ | अगर यह पोस्ट आपको अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों एवं स्नेहजनो के साथ जरूर शेयर करे साथ ही हमें कमेंट करे सब्सक्राइब करे तथा साथ ही बेल आइकॉन को प्रेस करे ताकि नई पोस्ट का अपडेट आपको मिलता रहे |
घोषणा :-
Inspireinstitute1.blogspot.com में विद्वानों के निरिक्षण से पोस्ट लिखे जाते है, किन्तु व्यक्ति विशेष के
किसी घटना, नाम, तिथि, स्थान तथा अन्य कोई कड़ी में त्रुटि होने पर Inspireinstitute1.blogspot.com जिम्मेदार नहीं होगा | सही जानकारी अपडेट करने हेतु आप हमें कमेंट या ईमेल के माध्यम से जानकारी दे सकते है |
Inspireinstitute1.blogspot.com में विद्वानों के निरिक्षण से पोस्ट लिखे जाते है, किन्तु व्यक्ति विशेष के
किसी घटना, नाम, तिथि, स्थान तथा अन्य कोई कड़ी में त्रुटि होने पर Inspireinstitute1.blogspot.com जिम्मेदार नहीं होगा | सही जानकारी अपडेट करने हेतु आप हमें कमेंट या ईमेल के माध्यम से जानकारी दे सकते है |
0 comments:
Post a Comment