अज़ीम प्रेमजी जीवनी :-
कैसे बना भारत का बिल गेट्स |azim premji biography in hindi |
परिचय :-
आपका पूरा नाम अज़ीम हाशिम प्रेम जी है | आपका जन्म 24 जुलाई 1945 को बॉम्बे में हुआ आपके पिता का नाम मोहम्मद हाशिम प्रेमजी था तथा माता का नाम गुलबानु था | आपके पत्नी का नाम यास्मीन तथा बच्चे का नाम रिशाद, तारिक है
शिक्षा :-
आपने मुंबई के सेंट मैरी स्कूल से 12 तक का शिक्षा प्राप्त किया | आगे के पढ़ाई के लिए पिता जी ने आपका अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन करा दिया | वहाँ जाकर आपने कंप्यूटर को पहली बार देखा और आईटी के महत्त्व को समझा अमेरिका में कंप्यूटर का होना आम बात था किन्तु भारत में इसका प्रचलन उस समय नहीं था | 21 वर्ष की आयु में 1966 में पिता जी के मृत्यु के कारण आपको पढ़ाई बिच में छोड़ना पड़ा और पिता जी के बिजनेस को चलाने का निर्णय लिया |
संघर्ष जीवन :-
जब आपने पिताजी के व्यवसाय को आगे बढ़ाने का सोचा तो लोगो ने कहा की विदेश से तुम पढ़ कर आये हो तुम्हे अच्छी नौकरी मिल जायेगा ये व्यवसाय में तुम आगे नहीं बढ़ पाओगे | परन्तु आपने आपने पिता के साबुन और खाने का तेल बनाने वाली कम्पनी वेस्टर्न इंडियन वेजिटेबल प्रोडक्ट्स लिमिटेड को आगे बढ़ाने सोचा |
आपके इन्वेस्टर ने आपके योग्यता पर सवाल उठाया परन्तु उन्हें शांत कर आपने मैनेजमेंट के पढ़ाई लिए प्रोफेसर से बुक लिस्ट मांग कर उन्हें रात में पढ़ते है और दिन में काम करते है |
1977 में आपने नये प्रोडक्ट्स को लॉन्च किया तथा कंपनी का नाम बदलकर विप्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड कर दिया | चुकी आईटी की पढ़ाई करने से आप इस क्षेत्र से अत्यधिक प्रभावित हुए थे और भारत में इसका विकाश करने के उद्देश्य से आपने 1980 में अपने कम्पनी का नाम बदलकर विप्रो लिमिटेड कर दिया और अमेरिका के सेंटिनल कम्प्यूटर कॉरपोरेशन के साथ मिल कर मिनी कंप्यूटर बनाने लगी |
अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन :-
आपने 2001 में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की स्थापना की | जिसका उद्देश्य गरीब और बेसहारा लोगो का मदद करना है राज्य सरकार के साथ मिलकर आप शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे है |
उपलब्धियां :-
azim premji biography in hindi |
- 2003 में फ़ोर्ब्स मैग्जीन ने अज़ीम प्रेमजी को 10 ऐसे लोगो में गिना था , जो दुनिया बदल देने की ताकत रखते है |
- 2005 में भारत सरकार ने प्रेमजी को तीसरा सर्वोच्च सम्मान पद्मभूषण से नवाजा है |
- आपने 2001 में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की स्थापना की | जिसका उद्देश्य गरीब और बेसहारा लोगो का मदद करना है राज्य सरकार के साथ मिलकर आप शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे है |
- आप अपनी आधी दौलत दान कर चुके है |
- 2011 में सरकार ने आपको पद्म विभूषण से सम्मानित किया |
रतन टाटा ( एक बर्तन मांजने से फोर्ड कंपनी को झुकाने तक की सफलता का कहानी ..... )
आभार :-
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